मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

शहीद के परिजनों से मिले बीकानेर सांसद मेघवाल

घांघू, 1 फरवरी। बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने ग्लैशियर वन में ड्यूटी के दौरान वीर गति को प्राप्त हुए घांघू के शहीद राजेश फगेड़िया के परिजनों से मंगलवार को मिलकर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान भारतीय जनता पाटी के जिलाध्यक्ष पंकज शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष बनवारीलाल शर्मा, ओम सारस्वत भी उनके साथ थे।

सांसद मेघवाल ने शहीद के परिजनों को ढाढस बंधाते हुए कहा कि वीरों की शहादत पर आंसू नहीं बहाए जाते। शहीद किसी भी देश और समाज को गौरवान्वित करते हैं। उन्होंने कहा कि राजेश फगेड़िया ने जिस बहादुरी और हौसले के साथ अपने कर्तव्य को अंजाम दिया, उस पर पूरे देश को फक्र है। उन्होंने कहा कि सरहद पर अपनी जान को हथेली पर रखकर तैनात रहने वाले ऎसे जवानों के दम पर ही पूरा देश चैन की सांस लेता है। उन्होंने शहीद के पिता रामलाल को अपनी ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सामाजिक कार्यकर्ता महावीर सिंह नेहरा, नारायण कुमार मेघवाल, ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष परमेश्वरलाल, बीरबल नोखवाल, रामकुमार, हेमराज आदि भी इस मौके पर मौजूद थे।

इसके बाद बीकानेर सांसद ने पूर्व सरपंच रावताराम के निवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की और संगठन की गतिविधियों की जानकारी ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता सभी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर कार्य करें ताकि आगामी चुनावों में पार्टी पूरे बहुमत से सत्ता में आ सके। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कांग्रेस की सरकार से त्रस्त होकर भाजपा की ओर देख रहा है। ऎसे में भाजपा कार्यकर्ताओं पर विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सरकार जिस तरीके से गैरजिम्मेदाराना बयान देकर लोगों को गुमराह कर रही है, उससे देश की जनता ठगा सा महसूस कर रही है। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष पंकज गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल शर्मा, ओम सारस्वत ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को समर्पित भाव से संगठन के लिए काम करने की हिदायत दी। एडवोकेट धर्मपाल शर्मा, बन्नेखां, ओंकार सिहाग, केशरदेव प्रजापत, ओमप्रकाश नारनोलिया, जाफर खां पंच, गिरधारी डीडवानियां, हुक्मीचंद उपाध्याय आदि भी इस मौके पर मौजूद थे।

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शनिवार, 29 जनवरी 2011

घांघू के शहीद राजेश की राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि

घांघू, 29 जनवरी। ग्लेशियर वन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान वीर गति को प्राप्त हुए जवान राजेश कुमार फगेड़िया की शनिवार ( 29 january 2011) को उनके पैतृक गांव घांघू में भारत माता की जय, ‘वंदेमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा- राजेश तेरा नाम रहेगा और देश का रक्षक कैसा हो, राजेश कुमार जैसा हो जैसे गगनभेदी नारों और देशभक्ति के जज्बे से भरे माहौल के बीच राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि कर दी गई। सात वर्षीय ज्येष्ठ पुत्र देवेन ने शहीद को मुखाग्नि दी।

जिला कलक्टर विकास एस भाले एवं पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण खींची ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर शासन और प्रशासन की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं पूर्व सैनिकों सहित इलाके के हजारों लोग शहीद की शव यात्रा में शामिल हुए और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। चूरू विधायक मकबूल मंडेलिया, राजगढ विधायक कमला कस्वां, प्रधान रणजीत सातड़ा, नगर परिषद सभापति गोविंद महनसरिया, पूर्व प्रधान हरलाल सहारण, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर रामकुमार कस्वां एवं सेना की 67 आम्र्ड रेजीमेंट के अधिकारियों व जवानों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।

भारतीय सेना की 67 आम्र्ड रेजीमेंट के नायब रिसालदार बाबूलाल जाखड़, दफेदार विजय सिंह, सवार विक्रम सिंह, सवार पंजाब सिंह, सवार कुलवेंद्र सिंह, सवार राजेश, सवार ईश्वर सिंह एवं राजस्थान पुलिस की सशस्त्र टुकड़ी की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर एवं हवाई फायर कर शहीद को सलामी दी गई। शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर आए 13 महार रेजीमेंट के ही सूबेदार बाल साहब ने बताया कि शहीद राजेश उनके साथ 19000 फीट से अधिक ऊंचाई पर ग्लेशियर वन में चमन पोस्ट पर तैनात थे, जहां सामान्यतः शून्य से 30-40 डिग्री नीचे तापमान इस मौसम में रहता है। साथ आए जवान कर्णसिंह ने बताया कि उन्होंने राजेश के साथ छह महीने तक 2009-10 में सूडान में ड्यूटी की थी। राजेश अत्यंत व्यवहार कुशल एवं मृदृभाषी होने के कारण पूरी यूनिट में खासे लोकप्रिय थे। उन्होंने बताया कि राजेश अपने कर्तव्य के निर्वहन के लिए सदैव अग्रणी दिखाई देते थे तथा किसी भी चैलेंजिग जॉब के लिए हमेशा तैयार रहते थे।

जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने इस मौके पर कहा कि राजेश की शहादत पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने शासन-प्रशासन की ओर से शहीद के परिजनो को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। चूरू विधायक मकबूल मंडेलिया ने कहा कि अपनी जान हथेली पर रखकर देश के लिए लड़ने वाले राजेश जैसे जवानों के दम पर ही पूरा देश महफूज है। राजगढ विधायक कमला कस्वां ने शहीद के परिजनों को ढाढस बंधाया।

इस दौरान पुलिस उप अधीक्षक नरेश कुमार, जिला परिषद सदस्य धमेर्ंद्र बुढानिया, सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा, चूरू जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक अमर सिंह, पंचायत समिति सदस्य युनुस अली, ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष परमेश्वर लाल दर्जी, अधिशाषी अभियंता सोहन लाल फगेड़िया, तहसीलदार प्यारेलाल डूडी, चिमना राम कारेल, बजरंग कस्वां सहित बड़ी संख्या मेें अधिकारी, ग्रामीण, पत्रकार एवं पूर्व सैनिक मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार (28 january 2011) को शहीद हुए 28 वर्षीय राजेश के परिवार में उसके पिता रामलाल, माता शारदा देवी, पत्नी मधु, सात वर्षीय पुत्र देवेन, एक वर्षीय पुत्र मयंक के अलावा भाई राकेश व बहिन अंजू हैं। 24 दिसंबर 2001 को सेना में भर्ती हुए राजेश फगेड़िया 13 महार रेजीमेंट के सिपाही थे।

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शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

घांघू के वीर शहीद लक्खूसिंह राठौड़

31 अगस्त 1989 का दिन। श्रीलंका की धरती। समय सुबह के 10 बजे। भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर श्रीलंका भेजी गईशांति सेना का एक कमांडिंग ऑफिसर अपनी छुट्टियां बीताने घर जारहा था। सिपाहियों का एक दल उसे छोड़ने के लिए साथ था। अचानकएक तरफ की दीवार के पीछे से धड़ाधड़ गोलीबारी शुरू हो गई। चूंकिसभी सैनिक पैदल थे और खुले में थे, दूसरी तरफ लिट्टे के उग्रवादीदीवारों के पीछे। सैनिकों के पास बचाव का कोई मौका था। फिर भीसैनिकों ने साहस का परिचय देते हुए मुकाबला शुरू कर दिया। एकसैनिक जिसके पास रॉकेट लांचर था (यह भारी और ताकतवर हथियार अत्यंत मजबूत कद-काठी वाले जवान को ही दिया जाता है ), अपने कमांडिंग ऑफिसर और अन्य साथियों को बचाने के लिए सबसे आगेआया और उग्रवादियों ने उसका शरीर गोलियों से छलनी कर दिया।कर्तव्य-पथ पर जूझते इस वीर सैनिक ने भारत माता की जय बोलते हुए कर्तव्य पथ पर अपना जीवन पुष्पअर्पित कर दिया। इस दौरान दो अन्य जवान भी शहीद हुए, एक जवान का पांव काटना पड़ा।

इस वीर प्रसविनी भारत भूमि पर मातृभूमि के लिए मर-मिटने वालों की शहादत पर मातम नहीं मनाए जाते। चूरूजिले के गांव घांघू में जन्मे भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट के 10 पैरा कमांडो हवलदार लक्खूसिंह राठौड़ कीशहादत की कहानी सुनकर हरेक घांघूवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। अपने पति की बाट जौहती वीरांगना की आंखों ने अपने कंत की देशभक्ति और साहस को नमन किया लेकिन दो नन्हे-नन्हे अबोध बालक उस समय तोसमझ भी नहीं पाए कि उनका पिता सदा-सदा के लिए इस मातृभूमि के काम गया।
मजबूत कद-काठी, गठीले बदन और खुले दिल के मालिक
लक्खूसिंह का जन्म ऎतिहासिक गांव घांघू के गढ मेंबैरीसाल सिंह के यहां हुआ। घुड़वसवारी में दक्ष तथा शतरंत के शौकीन लक्खूसिंह ने अपनी नौकरी के दौरान हीनिशानेबाजी में राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में पुरस्कार हासिल किया था। मरहूम राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकालके दौरान लक्खूसिंह उनके अंगरक्षक रहे और 1992 में रूसी राष्ट्रपति मिखाईल गोर्बाचोव के भारत दौरे में वे उनकेअंगरक्षक रहे। इस नौजवान ने बड़े ही अदब और शान के साथ नौकरी की और महज 32 साल की आयु में इसीअदब के साथ हम सबको छोड़कर इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखवा कर चल दिए। गांव के बुजुर्गों, नौजवानों और बच्चों के समान रूप से चहेते रहे लक्खूसिंह की जिंदादिली को आज भी घांघू के लोग खासी शिददतसे याद करते हैं। ऎसे जिंदादिल इंसान को, उसकी वतनपरस्ती को, उसकी शहादत को कोटि-कोटि नमन।

बुधवार, 22 सितंबर 2010

लगातार बारिश से पानी भरा

घांघू, 22 सितंबर। क्षेत्र के घांघू, ढाढर, लाखाऊ, दांदू, लादड़िया आदि गांवों में पिछले दो दिनों में अच्छी बारिश हुई, जिससे खरीफ की फसल को खासा नुकसान हुआ है। बुधवार दिनभर रुक-रुककर बरसात होती रही। घांघू में लगातार बारिश के चलते वार्ड दो में पानी भर जाने से लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़क पर पानी भरने से राहगीरों व वाहनों को दिक्कत हुई, वहीं वार्ड में स्थित ग्रामीणों को घर से निकलने में ही कठिनाई का सामना करना पड़ा। वार्ड में स्थित तीन राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों व अध्यापकों को भी परेशानी रही। पानी निकासी के लिए बना नाला वार्ड दो में टूटा हुआ है, जिसके चलते सारे गांव का पानी वार्ड दो में आकर इकट्टा हो जाता है।

बिजली गिरने से ऊंटनी की मौत

घांघू, 22 सितंबर। नजदीकी गांव लादड़िया में मंगलवार शाम 21 सितम्बर को आकाशीय बिजली गिरने से एक ऊंटनी की मौत हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि बीपीएल चयनित रेखाराम मेघवाल खेत में ढाणी बनाकर रह रहा था। मंगलवार शाम हो रही बारिश के बीच आकाशीय बिजली उसकी ऊंटनी पर गिरी, जिससे ऊंटनी की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि रेखाराम दो दिन पहले ही गोगामेड़ी मेले से ऊंटनी खरीद कर लाया था।

शुक्रवार, 7 मई 2010

ग्रामीणों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें चिकित्साकर्मी- सातड़ा

पंचायत समिति प्रधान रणजीत सातड़ा ने दांदू में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का उद्घाटन किया
घांघू, 07 मई। नजदीकी गांव दांदू में नवनिर्मित राजकीय उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का उद्घाटन पंचायत समिति प्रधान रणजीत सातड़ा ने किया। इस मौके पर सातड़ा ने कहा कि चिकित्साकर्मी अपने दायित्वों का पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन कर ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं की जरा सी लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य को लेकर कटिबद्ध है तथा इस संबंध में किसी भी सुविधा की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के संबंध में जनता को भी जागरुक होना चाहिए तथा खान-पान में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा जागरुक रहकर भी हम बीमारियों से काफी हद तक बच सकते हैं। पंचायत समिति सदस्य युनुस अली की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के विशिष्ट अतिथि ब्लॉक सीएमओ डॉ मनोज शर्मा थे। कार्यक्रम संयोजक डॉ जगदीश सिंह भाटी ने बताया कि पांच लाख रुपए की लागत से निर्मित इस भवन का निर्माण राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत किया गया है। कार्यक्रम का संचालन सफी मोहम्मद गांधी ने किया। कार्यक्रम में डॉ सुनील जांदू, सरपंच लिखमाराम मेघवाल, पूर्व सरपंच प्रेमसिंह गोदारा, सुधीर कस्वां, सुमन गोदारा सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद थे।
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गुरुवार, 25 मार्च 2010

‘जीण माता’ के चमत्कार देख अभिभूत हुए श्रद्धालु

घांघू, 25 मार्च। स्थानीय जीण माता मंदिर में प्रोजेक्टर के जरिए बड़े पर्दे पर फिल्म ‘जय जीण माता’ देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु उमड़े। लोकदेवी जीण और भाई हर्षनाथ के स्नेह और बलिदान की अनूठी ऎतिहासिक कथा पर आधारित इस फिल्म के मार्मिक द्श्यों पर ग्रामीण दर्शक भावविभोर हुए बिना नहीं रह सके। जीणमाता के चमत्कारों ने ग्रामीणों को अभिभूत कर दिया।
आयोजन समिति के खींवसिंह राठौड़ ने बताया कि जीण मंदिर में नवरात्रा स्थापना के साथ ही शुरू हुए विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का समापन बुधवार रात्रि को इस फिल्म ‘जय जीण माता’ के प्रदर्शन से हुआ। इस मौके पर प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित सुपर हिट राजस्थानी धार्मिक फिल्म ‘नानी बाई को मायरो’ को भी ग्रामीणों ने खूब पसंद किया। उन्होंने बताया कि नवरात्रा के दौरान प्रतिदिन रात्रि को रामानंद सागर कृत ‘रामायण’ का प्रदर्शन बड़े पर्दे पर किया गया।
उन्होंने बताया कि नवरात्रा के दौरान बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालुओं ने जीण-हर्ष की जन्मभूमि घांघू आकर मां जीण के दर्शन किए और मनौती मांगी। इस दौरान अखिल भारतीय श्री जीण माता सेवा संघ सूरत की ओर से सामूहिक कन्या भोज कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
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